शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

कुछ भटके हुए लोगों से ......


कुछ भटके हुए लोगों से .....
वतन में ही रहकर वतन ढूढते हैं,
अपने ही घर का पता पूछते हैं -
दीपक बुझाकर उजाला मिला है,
डूबो कर के किश्ती खता पूछते हैं -
बोकर बबूलों का जंगल उदय ,
काँटों से काफ़िर वफ़ा पूछते हैं -
दीवारों से छत का वास्ता पूछते हैं
बाँध आँखों पर पट्टी रास्ता पूछते हैं -
पेट पर पीठ पर बाँध बारूद बम,
चौक कैसे हुआ हादसा पूछते हैं -
-उदय वीर सिंह

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