रविवार, 1 मार्च 2020

प्रीत के पाँव आयेंगे .....


ह्रदय के द्वार हों खुल्ले ,ना बंद रखना जी
प्रीत के पाँव आयेंगे,कदी ना गंद रखना जी -
भरे हों नैन भावों से हंसी होठों पे रखियेगा
हृदय हो प्रेम का सागर, ना तंग रखना जी
नेह रसधार में भींगे मान सम्मान की वीथी
हाथ अरदास रखना जी, मकरंद रखना जी -
पत्थर भी अपना दिल ,पत्थर नहीं रखता,
प्रीत फूलों सी कोमल है प्रेम-अनुबंध रखना जी -
उदय वीर सिंह

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