शुक्रवार, 13 मार्च 2020

अर्थ शाला गिरी तो कोई गम नहीं ......


देश में उत्सवों का इजाफा हुआ
मधुशाला का मोटा मुनाफा हुआ
अर्थशाला गिरी तो कोई गम नहीं
धर्मशाला के ऊपर सियापा हुआ-
शिक्षा और समृद्धि ने तोड़ें हैं घर
ज्ञानी कहते हैं इनसे तमाशा हुआ -
कोयले से निकल कैद होता रहा
वीर अभिशप्त हीरा तराशा हुआ -
उदय वीर सिंह





2 टिप्‍पणियां:

Gurminder Singh ने कहा…

तमाशा हुआ

Gurminder Singh ने कहा…

तमाशा हुआ....