रविवार, 14 जून 2020

जो वो चाहते थे ..


जो वो चाहते थे ....
उन्हें मुकाम मिला ,जो वो मुकाम चाहते थे ,
बदले जमीर के दाम मिला जो दाम चाहते थे-
चले गए खुदगर्ज अपनी जन्नत की तलाश में,
उन्हें हिन्दुस्तान मिला,जो हिन्दुस्तान चाहते थे-
कामयाबी के लिए ,उम्र लम्बी हो ये जरुरी नहीं ,
वतन के लिए शहीद हो गए ,जो नाम चाहते थे -
कितना आसान है पराये कंधे से निशाना साधना ,
मुराद पूरी हुई ईनाम मिला ,जो इनाम चाहते थे -
मजबूर कौन था ,मजबूत कौन था इजलास पर ,
मुकरा गवाह दिया बयान जो वो बयान चाहते थे -
बे-नूर आँखों को बड़ी सिद्दत से दर्पण दिखा रहे ,
सूखे लबों से आया वही जो वो पैगाम चाहते थे -
उदय वीर सिंह

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