रविवार, 14 जून 2020

समय नहीं है सोने का ....


[...... महामारी से जंग लड़नी ही होगी .. ]
अम्लीय बवंडर जाग्रत है,यह समय नहीं हैं सोने का
संयम आत्मबल संग रहे ,अवसर है उर्जित होने का-
भरा रहे मन भावों से ,मानवता के सद्द -ग्रथ उचारेंगे
जीवन रहा, हर राग बनेंगे,यह समय नहीं है रोने का -
यदि उपवन जल जायेगा ,फिर उत्सव कौन मनायेगा
जन -मानस की पीड़ा का ,हतशोक - गान रह जायेगा
राजा-रंक - फकीर समष्टि जड़ -चेतन प्लावित होंगे ,
रच प्रेम -भाव-सहकार त्याग ये उचित समय है बोने का -
उदय वीर सिंह






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