रविवार, 25 जुलाई 2021

दीद भी लिखा होगा...


लिखा है 
बद्द-नसीब तो खुश-नसीब भी लिखा होगा।

वो ख़ुदा है आज गर्दीशी तो कल ईद भी लिखा होगा।

कब तलक खेलेगी सूरत मंजिल की लुका-छिपी,

हो भले ही हजार पर्दों में,कल दीद भी लिखा होगा।

कौन कहता है वरक हर्फों सियाही बदलेंगे नहीं,

आज लिखा है मुश्किल तो कल मुफ़ीद भी लिखा होगा।

उदय वीर सिंह।

15 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूब । आशा जगती अच्छी ग़ज़ल ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

आपकी लिखी रचना सोमवार 26 जुलाई 2021 को साझा की गई है ,
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।

संगीता स्वरूप

udaya veer singh ने कहा…

प्रणाम आदरणीया
रचना के चयन व सरोकारी के लिए सादर साधुवाद .संवेदनाओं के कारवां का इकबाल कायम रहे मेरी शुभकामनाये ज्ञापित हैं

Ravindra Singh Yadav ने कहा…

नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (26-07-2021 ) को 'अपनी कमजोरी को किस्मत ठहराने वाले सुन!' (चर्चा अंक 4137) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

#रवीन्द्र_सिंह_यादव

yashoda Agrawal ने कहा…

बेहतरीन..
एक गीत याद आया
मुझे मिल गया बहाना तेरे दीद का
देखो कैसी खुशी ले के आया ईद..
वीर जी को नमन
सादर..

Vocal Baba ने कहा…

बहुत खूब। बहुत बढ़िया। आपको बहुत-बहुत बधाई। सादर।

Sudha Devrani ने कहा…

कब तलक खेलेगी सूरत मंजिल की लुका-छिपी,

हो भले ही हजार पर्दों में,कल दीद भी लिखा होगा।
सही कहा हर रात के बाद सुबह होनी ही है...
आशा जगाती बहुत ही सुन्दर गजल
वाह!!!

PRAKRITI DARSHAN ने कहा…

आज लिखा है मुश्किल तो कल मुफ़ीद भी लिखा होगा।
गहरा सच बयां करती हुई।

Sweta sinha ने कहा…

वाह बेहतरीन गज़ल।
सादर।

उषा किरण ने कहा…

आज लिखा है मुश्किल तो कल मुफ़ीद भी लिखा होगा।
आमीन🤲

वाणी गीत ने कहा…

सकारात्मक सोच की ग़ज़ल..

Amrita Tanmay ने कहा…

बहुत ही बढ़िया कहा ।

रेणु ने कहा…

लिखा है बद्द-नसीब तो खुश-नसीब भी लिखा होगा।
वो ख़ुदा है आज गर्दीशी तो कल ईद भी लिखा होगा।//
बहुत बढिया वीर जी | सभी शेर प्रभावी और उम्दा हैं | सादर शुभकामनाएं|

How do we know ने कहा…

वाह! बहुत, बहुत सुंदर!