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क्या छिपाएंगेआप उम्र
कुदरत बता देती है।
हंसी की तल्ख अदा
नफ़रत बता देती है।
गर्दीशी में लोगों की
मिज़ाजपुर्सी आपकी
शोहरत बता देती है।
छोड़ अपना गैरों के
गम शरीक होना,
बड़ा ज़िगर है आपकी
हिम्मत बता देती है।
हाथ खाली फिर भी
देने की दिली हसरत,
मजलूमों से हमदर्दी आपकी
मसर्रत बता देती है।
उदय वीर सिंह।
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