सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए..




....बुद्ध चाहिए.✍️

युद्ध को जिंदगी या जिंदगी को 

युद्ध चाहिए।

मानवता का विध्वंस या पंथ

बुद्ध चाहिए?

बताओ जिंदगी को विष या कि

पवन शुद्ध चाहिए?

विनाश के अस्त्र या सृजन के ग्रंथ,

खुशहाली की सड़क या रास्ता

अवरुद्ध चाहिए ?

शासकों की सनक पर रोयीं 

 हैं सदियां अनेक,

क्या आगे भी बिलखने को हमें,

और युद्ध चाहिए ?

उदय  वीर सिंह।

1 टिप्पणी:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…
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