गुरुवार, 15 दिसंबर 2022

बंजर होती संस्कृति ( कहानी संग्रह)



 



🙏 प्रिय सुधी मित्रों नमस्कार ! 

एक सुखद सूचना आपसे साझा कर रहा हूँ,मेरी नवीन कृति " बंजर होती संस्कृति" (कहानी संग्रह ) हंस प्रकाशन दिल्ली के द्वारा प्रकाशित के विमोचन का सौभाग्य दिनांक 20।12।22 मंगलवार स्थान ग्रेटर कैलाश- 2 दिल्ली में ख्यातिलब्ध शिक्षाविदों व मूर्धन्य हिंदी भाषा सेवियों के सानिध्य व कर कमलों द्वारा मुझे प्राप्त हो रहा है,हृदय से अपने मानयोग अतिथि, हिदी पुरोधाओं सेवियों व साधकों आयोजनकर्ताओं  का आभार व स्नेहिल कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ। 

 सर्वप्रिय डॉ हरीश नवल सर ( यह नाम ही काफी है हिंदी साहित्य की आकाशगंगा में) का ऋणी हूँ जिन्होंने इस पुस्तक को अपने अनमोल शब्द भाव रूपी आशीष दे हमें मान दिया।

  आप सभी गुणीजनों का स्नेह व आशीष पूर्व की तरह मुझे मिलता रहेगा यह मेरा विस्वास है।

बंध-सूत्र.....

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पुस्तक :  "बंजर होती संस्कृति"

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यह कृति किसी एक विधा तक सीमित नहीं है, यह एक विशेष तथ्य है। कहानी, संस्मरण, लघुकथा, टिप्पणी, समीक्षा आदि का एक सम्मिलित समूह है।

ऐसे प्रयोग साहित्य की बेहतरी के सोपान माने जाते हैं। यह पुस्तक सोदेश्यता का प्रतीक बन सकी है। सम्मिलित रचनाएं रंजन हेतु नहीं हैं अपितु कोई ना कोई लक्ष्य या उद्देश्य लेकर चली हैं। अंतःधारा संस्कृति की बिगाड़ की चिंता लिए हुए है, जिसे प्रत्यक्ष न कहकर लेखक ने अपने शब्दों में परोक्ष कहा है।

- इसी पुस्तक से

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रचनाकार : उदयवीर सिंह  (  साहित्यकार)

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विशिष्ट अतिथि: त्रिलोक दीप ( वरिष्ठ पत्रकार)

मुख्य अतिथि: आशीष कंधवे ( साहित्यकार)

सानिध्य: इंद्रजीत शर्मा ( साहित्यकार)

अध्यक्षता: हरीश अरोड़ा ( शिक्षाविद)

विशिष्ट वक्ता:

विभा ठाकुर (समीक्षक) 

रुद्रेश नारायण मिश्र ( शिक्षाविद)

सूत्रधार: कीर्ति बैद ( साहित्य अध्येता) 


20.12.2022,  3 PM

कुंजुम

एम 60, प्रथम तल, एम ब्लॉक मार्केट, ग्रेटर कैलाश - 2 

नई दिल्ली - 110048

नज़दीकी मेट्रो:  ग्रेटर कैलाश

#कस्तूरी

उदय वीर सिंह।

2 टिप्‍पणियां:

How do we know ने कहा…

यदि पुस्तक ऐमज़ान पर उपलब्ध है तो वह भी बताइए। बहुत बधाई व शुभकामनाएँ

udaya veer singh ने कहा…

नमस्कार जी 🙏
पुस्तक आमेजन व फ्लिपकार्ट पर उपलव्ध है तथा 15 जनवरी 23 के बाद केंद्रीय ग्रंथालयों में भी पढ़ने को मिल सकेगी। आभार