रविवार, 12 फ़रवरी 2023

रखें तो कहां रखें....


 






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तेरी कागज की बागवानी रखें तो कहां रखें।

बे-मतलब की  मेहरबानी  रखें  तो कहां रखें।संवेदी शब्दों की कमीं नहीं बोल कर तो देखो,

मुझे नापसंद है बद्दजुबानी रखें तो कहां रखें।

कुछ जमीरो जमीन की बात होतो गौर भी करें

तेरी बे-सिरपैर की कहानी रखें तो कहां रखें।

जमीं पर फैली आग आसमान भी कितना दूर,

दुश्वार दो दिन की जिंदगानी रखें तो कहां रखें।

उदय वीर सिंह।

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