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पाखंड की प्रचीर में सत्य
कहीं खोया-खोया मिलता है।
पाखंड रत जगराते में है सत्य
कहीं सोया- सोया मिलता है।
अहंकार मद की पूंजी का
गगनचुम्बी होना आश्चर्यजनक
सत्य ,सरलता की भूमि में कांटा
तमाम बोया -बोया मिलता है।
टूट गया तर्कों का धागा,साहस
सीने में रोया - रोया मिलता है
हमने अपनी हार को भी जीत
कहना सीख लिया जबसे,
विजय अनुसंधान का परिमल
कहींअनाम लकोया मिलता है।
उदय वीर सिंह।
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