🙏कोटिशः प्रणाम ! विनम्र भावभीनी श्रद्धांजलि ,🌹
शहादत दिवस ( 23 मार्च 1931 सेंट्रल जेल लाहौर ) पर ' शहीदे आजम ' सरदार भगत सिंह,अमर शहीद राजगुरु जी,अमर शहीद सुखदेव जी को ..🌹🌹
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मेरे जज्बातों से वाकिफ़ है इस कदर कलम मेरी,
इश्क लिखना चाहूँ इंकलाब लिखा जाता है।
- शहीदे आजम भगत सिंह।
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शहीदे आजम तुम्हें खोकर
बहुत रोया है चमन,
तेरे दीये की रोशनी आफ़ताब हो रही है।
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बर्बाद न कर सकी हिन्द को
हुकूमत-ए-नामर्द,
चले मर्द ,मसीहा-ए-इंकलाब चमन आबाद करके।
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तेरी शहादत ने सियासत नहीं मुकाम दिया है।
नस्लों को इंकलाब खोया हिन्दुस्तान दिया है।
रखा दिल में वतन कदमों में तख्तो ताज
तेरी सरफरोशी ने वतन को पहचान दिया है।
उदय वीर सिंह।
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