🙏नमस्कार सुधि मित्रों !
दिल में हौसला है हसरत है तो सफ़र है।
शब कोई सराय नहीं चलते रहे तो सहर है।
बुलंदियों ने आवाज नहीं दी किसी शै को
कद गुरुर का छोटा हो जाये तो जफ़र है।
पहचान ले अपना अक्स आदमी आईने में,
जब महफ़ूज शहरी हैं दहशत से तो शहर है।
उदय वीर सिंह।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें