उन्नयन (UNNAYANA)
सोमवार, 17 अप्रैल 2023
सच्चाईयां लिखूं ✍️
......✍️
किसी की बुराईयां लिखूं
किसी की अच्छाइयां लिखूं।
इससे बेहतर है कलम कि मैं
जीवन की सच्चाईयां लिखूं।
***
भीड़ कभी लश्कर नहीं बनते
नकल कभी नजीर नहीं बनते।
दरवेश तो दरवेश होते हैं
दरवेश कभी वजीर नहीं बनते।
उदय वीर सिंह।
1 टिप्पणी:
How do we know
ने कहा…
wah!!!
27 अप्रैल 2023 को 4:42 am बजे
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1 टिप्पणी:
wah!!!
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