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अपनी वेदना संवेदना को कहना चाहते हैं।
वो कौन हैं लोग जो हमें रोकना चाहते हैं।
भाषा मेरी है शब्द भी मेरे हैं मुझे कहने दो,
क्यों मेरी जुबां अपने शब्द थोपना चाहते हैं।
रोटियों के लिए खाद्यान्न फसलें जरुरी हैं
क्यों खेतों में नागफनी बबूल बोना चाहते हैं।
हमें जिसकी जरूरत है वही चाहते हैं वीर
जो पसंद नहीं वह क्यों हमें देना चाहते हैं।
उदय वीर सिंह।
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