शनिवार, 12 अगस्त 2023

आंसू मौत दहशत...








.....✍️

 आंसू मौत दहशत मद पहचान हो गयी है।

देख राजा की रियासत बदनाम हो गयी है।
नीलाम  आबरु  है अपनी ही सरजमीं पर,
सुंदर शहर  की धरती शमशान हो गयी है।
घावों को रोज सीते,नित रोज नए मिलते हैं,
कंदुक  सी खेलों में अब आवाम हो गयी है।
सत्य  तडफता  होठों  पर बंदूकों का पहरा,
संवेदन प्रीत समीर कहीं गुमनाम हो गयी है।
उदय वीर सिंह।

कोई टिप्पणी नहीं: