रविवार, 13 अगस्त 2023

मुकाम आ गया है...








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रहजनों की बस्तियां तूफ़ान आ  गया है।

लुटेरों के आगेअब हिंदुस्तान आ गया है।

आग की जद में कभी समंदर नहीं आता

दहशत  है  बज्मे-दर्द  इंसान आ गया है।

सिंहासन के नीचे आखिर जमीन रहती है,

उसे खाली  कराने मालिकान आगया है।

कभी समय ठहरा नहीं न ही ठहरेगा कहीं

उतरना होगा मुसाफिर मुकाम आ गया है।

उदय वीर सिंह।

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