गुरुवार, 17 अगस्त 2023

कौन देखता है।


 





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रूप  देखता  है  हिजाब कौन  देखता है।

ख़्वाब सामने होतो ख़्वाब कौन देखता है।

जब उम्र  निकल गयी ब्याज भरते - भरते

कर्ज़ माफ़ हो जाए हिसाब कौन देखता है।

सरगोशियां हैं  कैद  हो गयी खिजाओं को,

मौसम  गुलाबी  हो गुलाब  कौन देखता है।

मंजूर हो जाएं तन पर लगे सारे काले दाग

कागज कोरा ही सही जवाब कौन देखता है।

उदय वीर सिंह।

1 टिप्पणी:

विश्वमोहन ने कहा…

वाह! बहुत खूब।