सोमवार, 21 अगस्त 2023

संभाल के बोलिये






 

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बोलिए जनाब हिसाब से  बोलिये।

तथ्यों  से और किताब  से बोलिये।

न जा पाएंगे कुछ भी बोल कर वीर

अपनी जबान  संभाल कर बोलिये।

जमाना सुनता हैऔर सोचता भी है,

मंच से बोलिये या ख़्वाब से बोलिये।

जानने लगे लोग सच-झूठ का फर्क

नेक रहमदिल  हो  वहाब से बोलिये।

गूंगा भी समझता है प्यार  की भाषा

बेनकाब बोलिये या नकाब से बोलिये।

उदय वीर सिंह।

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