tag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post6725051773832042362..comments2024-03-28T14:46:23.919+09:00Comments on उन्नयन (UNNAYANA): प्रछन्नudaya veer singhhttp://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-47791165128952894112011-12-28T19:23:00.243+09:002011-12-28T19:23:00.243+09:00मेरे गुनाह से पर्दा, जो न उठ पाए ,
तो मतलब ये न...मेरे गुनाह से पर्दा, जो न उठ पाए ,<br />तो मतलब ये नहीं हम गुनाह नहीं करते-<br /><br />सच में...बहुत सच्ची बात कही है आपने उदयजी.<br /><br />आपकी हर प्रस्तुति दिल को छू लेती है.<br /><br />आभार.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-91384913644421211992011-12-26T23:27:27.535+09:002011-12-26T23:27:27.535+09:00पैमाना-ए-इश्क में ,इतना रस्क भर गया ,
ढलने लगी ह...पैमाना-ए-इश्क में ,इतना रस्क भर गया ,<br />ढलने लगी है शाम ,पैमाने नहीं ढलते-<br /><br /><br />पेश करते हैं गुलाबों को, गाफिल दिल से ,<br />कभी साथ लिए वो , दिल नहीं चलते -<br /><br /> bahut sundar rachana . hr ak sher prabhavshali hai... bahut bahut abhar prachhann ji .Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-51379412816255182972011-12-26T01:49:18.288+09:002011-12-26T01:49:18.288+09:00उदय जी,..आपके पोस्ट पर पहली बार आया, आना सार्थक रह...उदय जी,..आपके पोस्ट पर पहली बार आया, आना सार्थक रहा प्रभावशाली सार्थक रचना के लिए <br />बहुत२ बधाई,....बेहतरीन पोस्ट....<br /><br />मेरे नए पोस्ट के लिए<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2011/12/normal-0-false-false-false.html#links" rel="nofollow">--"काव्यान्जलि"--"बेटी और पेड़"--</a>में click करेधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-75525088941157341912011-12-25T17:35:40.612+09:002011-12-25T17:35:40.612+09:00आदरणीय डॉ . साहब सृजन परिमार्जन में सहयोग अविस्मर...आदरणीय डॉ . साहब सृजन परिमार्जन में सहयोग अविस्मरनीय रहेगा ,हृदय की गहराईयों से आपका धन्यवाद /udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-43700041657235959252011-12-25T17:35:40.239+09:002011-12-25T17:35:40.239+09:00आदरणीय डॉ . साहब सृजन परिमार्जन में सहयोग अविस्मर...आदरणीय डॉ . साहब सृजन परिमार्जन में सहयोग अविस्मरनीय रहेगा ,हृदय की गहराईयों से आपका धन्यवाद /udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-37943212654436673772011-12-25T12:12:05.151+09:002011-12-25T12:12:05.151+09:00दिखायी पड़ता नहीं, दिखाता सब कुछ है..दिखायी पड़ता नहीं, दिखाता सब कुछ है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-85216135552302083882011-12-25T07:55:49.987+09:002011-12-25T07:55:49.987+09:00मेरे गुनाह से पर्दा , जो न उठा पाए ,
तो मत...मेरे गुनाह से पर्दा , जो न उठा पाए ,<br />तो मतलब ये नहीं हम गुनाह नहीं करते-<br /><br />नमस्कार, <br />यदि उपरोक्त पकती में "उठा पाए" की जगह उठ पाए अधिक सार्थक है और रचना के गाम्भीर्य को कई गुणित बाधा देता है. पूरी कविता प्रभावशाली और मनन-मंथन की प्रेरणा देती है. बधाई हमेधा की तरह एक और खूबसूरत प्रस्तुति के लिए.Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-52890516483440838912011-12-25T07:54:14.947+09:002011-12-25T07:54:14.947+09:00मेरे गुनाह से पर्दा , जो न उठा पाए ,
तो मत...मेरे गुनाह से पर्दा , जो न उठा पाए ,<br />तो मतलब ये नहीं हम गुनाह नहीं करते-<br /><br />नमस्कार, <br />यदि उपरोक्त पकती में "उठा पाए" की जगह उठ पाए अधिक सार्थक है और रचना के गाम्भीर्य को कई गुणित बाधा देता है. पूरी कविता प्रभावशाली और मनन-मंथन की प्रेरणा देती है. बधाई हमेधा की तरह एक और खूबसूरत प्रस्तुति के लिए.Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.com