करोना का अंत ..मानव-जाति की
सुबह ....
महाविनाश के इस
विषाणु का
एकजुट हो
अस्ताचल ढूंढें ,
मानव की रक्षा निश्चित हो
, मानवता का परिमल ढूंढें
राग-द्वेष,पाखण्ड नहीं ,धर्म -जाति ,वर्ग भू-खंड नहीं ,
विपदा के इस
काल-खंड में,शुभ सबका कल
उज्वल ढूंढें -
अपना और पराया छोड़ ,लाभ - हानि का लोभ , मोह
जीवन से नेह अनुराग रहे , सेवा,सहकार का
पल ढूंढें -
उदय
वीर सिंह
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक।
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