मानदंडों की पहचान ,
पहचान , पथ के ,
आदर्श , जीवन के /
जीवन के प्रतिमान ,
ध्वज- वाहक बनाये गए ,
देकर , प्रेम , पवित्रता , सद्द्ज्ञान ,
सम्मान की पूंजी /
देना समाज को , डूबते आत्मबल को ,
आवश्यकता है उन्हें उनकी /
खर्चना निरंतर ,
प्रवाहित रहे जन - जन तक
निर्वाध !
न रुके जन - जल - धारा
प्रदूषित हो जाएगी ,
मञ्जूषा बन कर रह जाएगी ,
पीड़ा की , सड़ांध की , विषाणुओं की ,
डान्सेगी , सबको ,
उसे पहचान नहीं , शत्रु या मित्र की /
तुमने सौगंध ली , निभाने को वचन ,
समर्पण जीवन का ,
मिटने को आदर्शों पर ,
क्या हुआ तेरी ली हुयी सनद का ?
पहचान बन गया , दंभ का , द्वेष का , व्यतिरेक का /
अब तुमसे पहचान होती है ---
मधुशाला की !
कदाचार , व्यभिचार , अत्याचार ,
परिभाषित होने लगे तुमसे /
क्या मज़बूरी है नायक !
शिकार हो गया , शिकार से ?
या
प्रतिमान बदल गए ?
या
तेरी राह ?
उदय वीर सिंह
२७/०२/२०११