मिला है प्रेम का सागर तुमको
कभी प्यासोगे नहीं -
मधुराधर में समाये गीत मृदुल
कभी उदासोगे नहीं -
तेरे पांव के निचे पुष्प बिछे हैं
लडख़ड़ाओगे नहीं-
ये बात अलग है प्रीत मेरे, जाकर
फिर आओगे नहीं -
पूछेगा हृदय जब अंतस की बातें
क्या बताओगे नहीं-
भावों के बादल शब्दों से घिरेंगे
जब अर्थों को पाओगे नहीं -
- उदय वीर सिंह
कभी प्यासोगे नहीं -
मधुराधर में समाये गीत मृदुल
कभी उदासोगे नहीं -
तेरे पांव के निचे पुष्प बिछे हैं
लडख़ड़ाओगे नहीं-
ये बात अलग है प्रीत मेरे, जाकर
फिर आओगे नहीं -
पूछेगा हृदय जब अंतस की बातें
क्या बताओगे नहीं-
भावों के बादल शब्दों से घिरेंगे
जब अर्थों को पाओगे नहीं -
- उदय वीर सिंह