हुंकार भरो तो नाहर सी
श्वानों की गूंज नहीं होती-
प्यासे मन की प्यास बुझाये
वो पानी की बूंद नहीं होती-
संवेदन रचता गीत मधुर
हर साज में गीत नहीं होती -
जिस हृदय इर्ष्या , भय का डेरा
निश्चित ही जीत नहीं मिलती -
मिटते परवाने दीप शिखा
हर ज्वाला ज्योति नहीं होती-
जब भुजा में शक्ति समन्वित हो
तब जिह्वा भी मूक नहीं होती-
प्रतिकार- हीन शंशय सयना
वो जिन्दा कौम नहीं होती-
सेलुलर भी देवे रश्मि- प्रभा
मतवालों के घर धूप नहीं होती
सेलुलर भी देवे रश्मि- प्रभा
मतवालों के घर धूप नहीं होती
उदय वीर सिंह