उसे नफ़रत सिर्फ अन्धेरों से है
जलता है तो बेहिसाब जलता है
न देखता है दर न दयार फिरका
रोशन चिराग तो चिराग होता है -
लाख बंदिशों में भी जुदा नहीं
काँटों की सेज पर भी हुनरमंद
समझा लेता है सुनी आँखों को
वीर ख्वाब तो ख्वाब होता है -
लगा देते हैं दामन में फितरती
ता-उम्र बे-जार रोने के लिए
कुछ लग जाते हैं शौको शान में
बेशक दाग तो दाग होता है -
किसी मांग में सिंदूर का होना
बेख़ौफ़ बयां करता है हनक माही की
बदले खुदाई भी बहुत फीकी है
वीर सुहाग तो सुहाग होता है -
गमलों में बरगद भी उगने लगे
बेल अमलतास नागफनी गुलाब
यहाँ परिंदों के घर झूले नहीं बनते
एक बाग़ तो बाग़ होता है -
उदय वीर सिंह