
जींद हँसती है, रहो किसी का होकर
खुशी मिलती है किसीको खुशी देकर
देख लेना कभी ,किसी का गम लेकर -
देख लेना कभी ,किसी का गम लेकर -
पैरहन क्या है , न देख निगाहें बदलो
बीज जमता है ,जमीं में दफन होकर -
माना मलमली दुपट्टों की, उड़ान ऊंची
जो निभाना तो,किसी का कफन होकर -
कांटे भी पनाह में हैं,गुल भी पनाह में
कितना सबाब है जीना गुलशन होकर-
कितना सबाब है जीना गुलशन होकर-
क्यों गर्दिशी का आलम अलविदा कहो
बनो चिराग तो उलफत से रौशन होकर -
बनो चिराग तो उलफत से रौशन होकर -
उदय वीर