मंगलवार, 9 अप्रैल 2024

मकबूल कहना पड़ेगा.....✍️






 


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पत्थरों  को  फूल  कहना  पड़ेगा।

कमतरों को माकूल कहना पड़ेगा।

जहरीली  हवाओं की रफ्तगी देख,

नाकारों को मकबूल कहना पड़ेगा।

छीन तोड़ दिए जाएंगे दस्तो कलम 

औजारों को  फ़िजूल कहना पड़ेगा।

दरकती जमीं का हिस्सा कहाँ जाएगा,

पुस्तैनी जमीन को नजूल कहना पड़ेगा।

सोचा न था होंगे साजिशों की महफ़िल

किसी नापसंद को कबूल कहना पड़ेगा।

उदय वीर सिंह।

बुधवार, 3 अप्रैल 2024

सच तन्हा होगा....✍️


 






सच तन्हा होगा....✍️

पराजित  भी  होगा  परेशान  भी होगा।

कभी सोचा न था सच नीलाम भी होगा।

होगा  खौफ़जदा , रहेगा  सहमा-सहमा,

हो जाएगा तन्हा बहुत बदनाम भी होगा।

इल्हामी  अजीज गवाही  देंगे ख़िलाफ़ती

सच  की  हार  पर  बड़ा  इनाम भी होगा।

साजिशी शिकंजों में घिर जाएगा इसकदर

लानतों  में  ये जमाना  मेहरबान भी होगा।

सच की नुमाईश का कोई फर्क नहीं पड़ता

तमाशबीनों में हिन्दू होगा मुसलमान भी होगा।

उदय वीर सिंह।