मधुकर मकरंद ,पिया इतना ,
तन काले की शाला है ,
निजता कली .कुसुम का, मधु का ,
फिर भी काला का काला है ---
भूल गया सुध लोट गया ,
पंखुड़ियों की बाँहों मे ,
आश्रयहीन , अवलम्ब कहाँ ,
बन याचक गिरा , पनाहों में --
सूखे होंठ, प्यासा मधुसेवक ,
फिर होंठों पर प्याला है --
अनुबंध -हीन एक ठौर नहीं,
मडराये फूलों की गलियों में ,
सानिध्य ,स्पर्श की चाहत में ,
रीता जीवन रंगरलियों में ---
भ्रमर गीत ,माधुर्य नृत्य ,
सम्मोहित करने वाला है ---
हृदय- हीन , प्रणय का ज्ञानी ,
आमंत्रण कलियों का रहा बटोर ,
खिला यौवन रस भीग रहा ,
बिन बसंत करता किलोल --
सौम्य -बेल सुवासित लतिका ,
हर कली, कुसुम से पाला है---
चिपटा, लिपटाये बांहों में ,
अनंग भाव उर में पाले ,
प्रतीक्षा- रत , कांटे रखवाले ,
मदहोस गिरा तो बिंध डाले --
उदय वीर सिंह .
२०/०६/२०११
भूल गया सुध लोट गया ,
पंखुड़ियों की बाँहों मे ,
आश्रयहीन , अवलम्ब कहाँ ,
बन याचक गिरा , पनाहों में --
सूखे होंठ, प्यासा मधुसेवक ,
फिर होंठों पर प्याला है --
अनुबंध -हीन एक ठौर नहीं,
मडराये फूलों की गलियों में ,
सानिध्य ,स्पर्श की चाहत में ,
रीता जीवन रंगरलियों में ---
भ्रमर गीत ,माधुर्य नृत्य ,
सम्मोहित करने वाला है ---
हृदय- हीन , प्रणय का ज्ञानी ,
आमंत्रण कलियों का रहा बटोर ,
खिला यौवन रस भीग रहा ,
बिन बसंत करता किलोल --
सौम्य -बेल सुवासित लतिका ,
हर कली, कुसुम से पाला है---
चिपटा, लिपटाये बांहों में ,
अनंग भाव उर में पाले ,
प्रतीक्षा- रत , कांटे रखवाले ,
मदहोस गिरा तो बिंध डाले --
लिपटा तन , कफ़न खुशबु का ,
मधु , अंतिम पथ की हाला है
मृत, गिरा शरीर ,झरी पंखुडियां ,
कैसी किस्मत वाला है --उदय वीर सिंह .
२०/०६/२०११
4 टिप्पणियां:
लिपटा तन , कफ़न खुशबु का ,
मधु ,अंतिम पथ की हाला है
मृत, गिरा शरीर ,झरी पंखुडियां ,
कैसी किस्मत वाला है --
--
सुन्दर रचना!
यही तो विडम्बना है!
आदरणीय डॉ.साहब ,
मेरी काव्य कल्पना की उड़ान पर कम से कम आपनेआशीष की पूंजी तो दी , अभिभूत हूँ ,पाकर स्नेह को ..... शुक्रिया जी /
भूल गया सुध लोट गया ,
पंखुड़ियों की बाँहों मे ,
आश्रयहीन , अवलम्ब कहाँ ,
बन याचक गिरा , पनाहों में --
itni mithaas , itna pyaar, itna unmukt daan bhram aur kahan paata
उदय जी ,
आपकी रचनाओं में काव्य का यथाथ दर्शन होता है। मैं तो स्वयं को बहुत कमतर पाती हूँ इन रचनाओं की प्रशंसा हेतु। आपकी कविताओं में दर्शन दृष्टिगत होते हैं । कायल हूँ आपकी कलम की । अभिवादन स्वीकार करें।
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