मन के अवसाद तिरोहित हों ,
जग सुन्दर है ,रचना करना -
हिय में जब पीर हिलोर उठे,
करुना के भाव निखर आयें,
प्रयास ही शुभ का साधन हो ,
उर से विद्वेष उतर जाएँ -
दया के भाव ,तन शीतल हों ,
अमिय ,प्रेम वर्षा करना-
तरुअर पात कुसुम सी कोमल,
स्निग्ध, चपल ,लचके करुणा ,
प्रीत की गांठ , समभाव बंधे ,
अंक , छिपे तो छिपे करुणा-
पावन मन ,पावक न बने ,
पावस की इच्छा करना -
दृग -दृष्टि उज्जवल सृजन लिए ,
कर,उत्कृष्ट निर्माण का अस्त्र बने ,
मानवता का दर्शन आधार बने
नग्न , अशांति का वस्त्र बने-
गंगा सा निर्मल पावन बन
तन-मन-हृदय बहते रहना -
विप्लव ,विक्षोभ ,विलोप करो ,
सतत नहीं ज्वाला कायम ,
क्षण भर का क्रोध ,दिया करता ,
अभिशप्त ,जीवन ,विरह गायन -
ये जीवन खुशियों की हाला है ,
दर्द सदा पिया करना -
उदय वीर सिंह .
तरुअर पात कुसुम सी कोमल,
स्निग्ध, चपल ,लचके करुणा ,
प्रीत की गांठ , समभाव बंधे ,
अंक , छिपे तो छिपे करुणा-
पावन मन ,पावक न बने ,
पावस की इच्छा करना -
दृग -दृष्टि उज्जवल सृजन लिए ,
कर,उत्कृष्ट निर्माण का अस्त्र बने ,
मानवता का दर्शन आधार बने
नग्न , अशांति का वस्त्र बने-
गंगा सा निर्मल पावन बन
तन-मन-हृदय बहते रहना -
विप्लव ,विक्षोभ ,विलोप करो ,
सतत नहीं ज्वाला कायम ,
क्षण भर का क्रोध ,दिया करता ,
अभिशप्त ,जीवन ,विरह गायन -
ये जीवन खुशियों की हाला है ,
दर्द सदा पिया करना -
उदय वीर सिंह .
13 टिप्पणियां:
सुन्दर प्रस्तुति ||
बधाई महोदय ||
atiuttam,bahut khoobsurat rachna.
पावन मन ,पावक न बने ,
पावस की इच्छा करना -
वाह बहुत सुंदर रचना और बहुत खूबसूरत शब्दों का चयन ...!!
विप्लव ,विक्षोभ ,विलोप करो ,
सतत नहीं ज्वाला कायम ,
क्षण भर का क्रोध ,दिया करता ,
अभिशप्त ,जीवन ,विरह गायन -
सुन्दर शब्द संयोजन और सार्थक भाव लिए लाजवाब अभिव्यक्ति है ....
बहुत सुन्दर भाव से रची सुन्दर रचना
सुन्दर ...सुन्दर... अति सुन्दर.
आपकी पावन लेखनी को नमन.
शब्द और भाव अति सुन्दर और अनुपम हैं.
मेरे ब्लॉग पर आपने आकर मुझे कृतार्थ
किया उदय जी.
बहुत सुन्दर प्रविष्टि...बधाई
शिखरों से निकल निकल बस सृजन बहे।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.
संगीता जी की हलचल में सजी यह बहुत अच्छी लगी.
बहुत बहुत आभार,उदय जी.
वाह ...बहुत बढि़या।
बहुत ही बढ़िया।
सादर
अत्यंत निर्मल, निष्कलुष, पावन कामना है आपकी और यह शीघ्र ही फलीभूत हो यही प्रार्थना है ! सुन्दर शब्दों एवं अनमोल भावनाओं से सजी यह प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी ! आभार आपका !
'ये जीवन खुशियों की हाला है ,
दर्द सदा पिया करना -'
पावन गीत!
एक टिप्पणी भेजें