प्राची में डूबा अंशुमान ,
हमने कह दिया तो कह दिया --
गंगा पाक में बहती है
हमने कह दिया तो कह दिया -
नेजे पर बैठे वजीर को प्यादे ने टोका
हुजुर !
बोला वजीर-
हम तख़्त पर बैठे हैं
हमने कह दिया तो कह दिया -
हम न होते तो ये देश न होता
गिर गया होता आसमान कबका
हमने कह दिया तो कह दिया -
महान था जयचंद, गोरी को अपना घर दिया
भारत- रत्न मिलना चाहिए
हमने कह दिया तो कह दिया -
जमूरे ने कहा उस्ताद !
अक्ल की जरुरत है -
सत्य वचन !
जा ले आ खरीद
उस्ताद ! बाजार में नहीं मिलती
नामुराद !
हमने कह दिया तो कह दिया -
हुजूर !
किसान आत्महत्या कर हैं झूठ ! हजार झूठ !
किसान तंगहाली से नहीं शौक से मर रहे हैं
किसने कहा कर्ज लेने को
उधार की आदत है उनको ।
हमने कह दिया तो कह दिया -
बाढ़ का आलम पेड़ तक डूबने वाले हैं
हवाई सर्वेक्षण का नजारा
खूबसूरत
फसल अच्छी है,
हमने कह दिया तो कह दिया -
-उदय वीर सिंह
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल मंगलवार (13-08-2013) को "टोपी रे टोपी तेरा रंग कैसा ..." (चर्चा मंच-अंकः1236) पर भी होगा!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बिलकुल सटीक करारा व्यंग ,बधाई !मेरे ब्लॉग को भी फलो करे ,ख़ुशी होगी
latest post नेता उवाच !!!
latest post नेताजी सुनिए !!!
सच है, कह दिया, यही तो समस्या है।
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