हमें
ताज दे दो तुम्हें हम काज देंगे
हमें
पंख दे दो तुम्हें परवाज़ देंगे -
गुरु
दक्षिणा में अंगूठा नहीं वोट दो ,
हम तुम्हें जीवन से ही निजात देंगे -
आत्महत्या
को
इच्छा मृत्यु मानेंगे
गरीबी के बदले
मौत की सौगात देंगे -
आंसुओं
पर
भी
कर
लगाए जायेंगे
संविदा पर बोलने को आवाज
देंगे -
कानून
में बदलाव अपरिहार्य हैं वीर
302 में जानवर का भी साथ लेंगे -
शहीद
कहे जाएंगे फ़सादों में मरने वाले
मेरे
लिए लड़ने
वालों को इमदाद देंगे -
वतन
पर
मरने वाले ही देशप्रेमी नहीं
फिरकापरस्ती को भी खिताब देंगे -
बदल
देंगे वक्त अगर बदला नहीं
छिन कोयल से गधे को सुर साज देंगे --
हमें
आता है समस्याओं से लड़ना
गरीबी
को जमीन गरीबों को आकाश देगे -
उदय वीर सिंह
2 टिप्पणियां:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (14-05-2016) को "कुछ जगबीती, कुछ आप बीती" (चर्चा अंक-2342) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया कटाक्ष
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