बुधवार, 1 फ़रवरी 2017

मुद्दे पीछे हैं

मुद्दे पीछे हैं 
लिप्सा आगे 
उद्देश्य विस्मृत है 
सरोकार अधोगति को 
सहयोग विनिमय की राह 
मनुष्यता घोर शत्रु 
शक्ति अराजक 
भक्ति वीभत्स 
श्रद्धा अछूत 
त्याग तर्पण की वस्तु 
स्नेह दुर्गंध 
धैर्य कायरता 
भीड़ आदर्श 
छल बुद्धिमत्ता 
कदाचार पराक्रम
मानदंड होकर रह गए
न्याय एक अनहोनी घटना 
जैसी है -
उदय वीर सिंह 



1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

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