रोटी कपड़ा
जीवन को
मकान चाहिए
था जी
शिक्षा और
सुरक्षा सुख
सम्मान
चाहिए था जी -
एक ही चमन के
वारिस
एक पहचान
चाहिए था जी -
कैसे गोरे
काले एक
इन्सान चाहिए
था जी-
कश्मीर से
कुमारी कन्या
एक
हिन्दुस्तान चाहिए था जी -
कैसा उंच नीच
भेद
जाति वर्ग वाद
कैसा ?
हम सब
भारतवासी एक
जुबान चाहिए
था जी -
उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
जय मां हाटेशवरी...
अनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 27/11/2018
को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
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