रविवार, 24 मार्च 2024

मुश्कें मरोड़ देगा....✍️


 





मुश्कें मरोड़ देगा...✍️

हथकड़ी  बेड़ी  कुदरती  नहीं तोड़ देगा।

आजादी  का परवाना गुलामी छोड़ देगा।

कोई दरिया भी बेलगाम नहीं हो सकती,

इंसाफपसंद  बांध बना रास्ता मोड़ देगा।

भंवर  मुसाफ़िर को  इतना  भी न डराना

पुल बनाकर दोनों साहिलों को जोड़ देगा।

कितना भी मजबूत हों टिकते  नहीं  वीर,

ईमान  झूठो फरेब  का  भांडा  फोड़ देगा।

खामोशी व सब्र के औजार निष्क्रिय नहीं,

वक्त आने पर जबर की मुश्कें मरोड़ देगा।

उदय वीर सिंह।

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