ना बीता ,
ना बिता सका , जितना चाहा /
जो बीता , तेरे सानिध्य में ,गोंद में ,
पुनः पाने की लालसा ------
मैं जानता हूँ , पूरी नहीं हो सकती ,
पीछे नहीं लौट सकता समय /
फिर भी स्मृतियों में ढूँढता हूँ ,
तुम्हें /
अध्ययन ,बना निर्वासन ,
कुछ बनने की आस ,प्रयास ,
तब तक छूटा साथ ------
विस्मृत नहीं होते वो पल ,
खिली धूप में , गोंद में रखे सिर ,निकालती जुएँ /
सुनाती साखियाँ रातों में ,
गाती लोरी ---[साडी आँखा विचों सोया पुत मेरा-----------]
सुलाने का विफल प्रयास /
देखे स्वप्न, बड़ा बनाने का ,निष्चल निर्देश -------
आंसू नहीं /क्रोध नहीं /विवाद नहीं /--अरदास करनी !
सब्र ,संयम ,साहस की मांगती दुआएं ,
जो लगीं मुझे /
छिपाकर देना --पिन्नियां ,पैसे ,बुने स्वेटर ,जुराबें,
जो अब नहीं मिलते /
पाल्य पूछते हैं ---
पापा कैसी थीं ,आपकी माँ ?
बताता हूँ ---तेरी माँ जैसी /
सभी मांएं, माँ जैसी /
-------- कहता मुझे कोई नहीं अब ------
वीर----- वीर -बिना खाए नहीं सोना ,
नाराज होंगे --बाबा जी /
जीवन गतिमान है --चलता आया ,
स्मृतियाँ स्थिर हैं ,वहीँ अतीत में ,
क्या करूँ विस्मृत नहीं होतीं -------
उदय वीर सिंह
२७/१२/२०१०
1 टिप्पणी:
सभी मायें एक जैसी ही तो होती हैं…………सुन्दर अभिव्यक्ति।
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