हमें सवेर मिल जाये शाम दे देंगे ,
हमें राह मिल जाये मुकाम दे देंगे ---
**
कुछ मांग कर देखो ,
अगर अपना समझते हो ,
जीवन तो तुच्छ है यारा
भगवान दे देंगे --
**
जलते अंगारे खौफ में ,
काली घटाओं से ,
कहीं टूट कर बरसे तो ,
बे - निशान कर देंगे --
**
खुदगर्ज हैं इतना
चलकर साथ तो देखो ,
इसरार है दोजख ,
इमान दे देंगे --
**
लिखा नसीब में कुछ भी ,
उसे कबूल करते हैं ,
गर कम- नसीबी ही मुक़र्रर है ,
समझ इनाम ले लेंगे --
**
होठो की हसरत है
खुदा का नाम आ जाये ,
क्या रखा है साकी में ,
कुर्बान कर देंगे --
**
हर आँख का पानी
अन - मोल होता है ,
वह फरेब करता है , कहे ,
जो दाम दे देंगे --
**
उदय हर अक्स जानता है
बुनियाद अपने स्वरूप की ,
तामीर होने दो मुकम्मल
अंजाम दे देंगे --
उदय वीर सिंह
जलते अंगारे खौफ में ,
काली घटाओं से ,
कहीं टूट कर बरसे तो ,
बे - निशान कर देंगे --
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खुदगर्ज हैं इतना
चलकर साथ तो देखो ,
इसरार है दोजख ,
इमान दे देंगे --
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लिखा नसीब में कुछ भी ,
उसे कबूल करते हैं ,
गर कम- नसीबी ही मुक़र्रर है ,
समझ इनाम ले लेंगे --
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होठो की हसरत है
खुदा का नाम आ जाये ,
क्या रखा है साकी में ,
कुर्बान कर देंगे --
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हर आँख का पानी
अन - मोल होता है ,
वह फरेब करता है , कहे ,
जो दाम दे देंगे --
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उदय हर अक्स जानता है
बुनियाद अपने स्वरूप की ,
तामीर होने दो मुकम्मल
अंजाम दे देंगे --
उदय वीर सिंह
12 टिप्पणियां:
कविता की प्रत्येक पंक्ति में अत्यंत सुंदर भाव हैं....
बहुत सुन्दर और सशक्त रचना!
उदय हर अक्स जनता है
बुनियाद अपने स्वरूप की
तामीर होने दो मुकम्मल
अंजाम............दे देंगे
......................भावपूर्ण , प्रभावी प्रस्तुति
बहुत ही सुन्दर शब्द संयोजन ।
गज़ब का अन्दाज़-ए-बयाँ है।
होठो की हसरत है
खुदा का नाम आ जाये ,
क्या रखा है साकी में ,
कुर्बान कर देंगे --
बहुत खूब भाई जी ...हर लाइन अपना प्रभाव छोडती है !
सादर
गर कम -नसीबी ही मुकर्रर है, समझ इमान ले लेंगे।
बहुत ख़ूब।
हमें सवेर मिल जाये शाम दे देंगे ,
हमें राह मिल जाये मुकाम दे देंगे --
...बहुत खूब !...बहुत प्रेरक और सशक्त प्रस्तुति..भावों को शब्दों में बहुत प्रभावपूर्ण ढंग से उकेरा है..आभार
कुछ मांग कर देखो ,
अगर अपना समझते हो ,
जीवन तो तुच्छ है यारा
भगवान दे देंगे --
ग़ज़ब के भाव.
क्या बात है जी.
उदय जी
जोरदार रचना अच्छे शब्दों में की
बधाई स्वीकारें ..........
हर आँख का पानी
अन - मोल होता है ,
वह फरेब करता है , कहे ,
जो दाम दे देंगे -
आँखो के पानी का मोल भला कौन दे सकता है
अत्यंत सुन्दर रचना
हमें सवेर मिल जाये शाम दे देंगे ,
हमें राह मिल जाये मुकाम दे देंगे ---
वाह क्या बात है.
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