रहना तो पिया बनकर यूं मुनासिब नहीं बहना आग का दरिया बनकर - जिंदगी अच्छी है जीना प्यार का जरिया बनकर- जाना दिल में उतर जाना , गजल का काफिया बनकर- कुछ तो रौशनी होगी जलें बाती हम दीया बनकर - उदय वीर सिंह
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (10-11-2014) को "नौ नवंबर और वर्षगाँठ" (चर्चा मंच-1793) पर भी होगी। -- चर्चा मंच के सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (10-11-2014) को "नौ नवंबर और वर्षगाँठ" (चर्चा मंच-1793) पर भी होगी।
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चर्चा मंच के सभी पाठकों को
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बढ़िया
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