सच्ची , सांझी , प्रीत ना बोया ,------------
दया, क्षमा, का संग न बोया /
शांति न बोई ,सब्र न बोया ,
हृदय-हृदय में अमन न बोया ------------,
सुनी आँखों में स्वप्न न बोया
गुल- गुलसन का चमन न बोया /-------
जीवन बिता निंदा करते ,
मन मंदिर में नमन न बोया/
अमृत , कलश में विष , डाला ,
मीठे मधु रस बचन न बोया/----------
रूठी प्रीत परायी हो गयी,
निश्छल , निर्मल मन न बोया/
दंभ , द्वेष, पाखंड सराहा ,
प्यार, ललित सन्देश न बोया/--------------
हो अनाब्रित न लाज कही,
ढ्क देने को बसन न बोया,
टुटा पंख , पक्षी बिन तरुअर ,
बिखरी ठौर सदन न बोया /-------
उदय वीर सिंह .
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