नव - वरस, मधु- कलश , रस -बहारें लिए ,
कुछ तुम्हारे लिए , कुछ हमारे लिए ------------
प्रेम के बाग में फूल खिलने लगे ,
नेह -आंचल में हंस के छुपा लेंगे हम //
पतझड़ ना आये , ना आये तपन ,
ह्रदय की तली में बचा लेंगे हम //
प्रिय प्रियतम के सपने सहारे लिए -----------
प्रीत नैनों में बस के छलकने लगी ,
पलकों में हंस के बिठा लेंगे हम //
प्यार , अर्पित , समर्पित बिखरने लगे ,
सिर झुका लेंगे हम ,गल लगा लेंगे हम //
अपने दामन में चंदा ,सितारें लिए --------------
रूठी रुत ना मिले , न अँधेरा रहे ,
प्रीतम को हंस के मना लेंगे हम //
आये मंगल बरस, बिन सुमन ही सही ,
काँटों से उपवन , सजा लेंगे हम //
गम भी मुबारक , प्यार संचित रहे ,
सारी जीवन की खुशियाँ तुम्हारे लिए --------
उदय वीर सिंह
३०/१२/2010
2 टिप्पणियां:
नव वर्ष में
जागे हर मन में
उल्लास नया ।
नए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!
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