संवेदना से , वेदना से ,
अनुभूतियों ,अभिव्यक्तियों से
फूटते किसलय ,टूटते दरख्तों से
आकाश की अनन्त दूरियां,
ब्रहमांड के ग्रहों से
ब्रहमांड के ग्रहों से
एलियन के अस्तित्व ही नहीं ,
स्वर्ग की सीढियों से,
रावन के रनिवास
अभिशप्त सुंदरी ,
शापित दुर्ग ,
ब्रेकिंग न्यूज देता
चौथा स्तम्भ
स्तब्ध है ,
तारा के हरिश्चंद का ,
ख़िताब ,
दूर क्यों है ......?
आँचल में चाँद छुपाता है,
चोली में क्या है बताता है ,
कमर की नाप ,नाजुक होठ
कैट-वाक पर नजर पूरी है ,
कैसे दुर्घटना में तड़फ रहा है
फोटो जरुरी है ,
नवांगी के अंगों का बीमा
वस्त्रों की नीलामी
मुख्य सूचना है.../
इन्सेफ्लाईटीस ,डाईरिया,
हेपेटाईटीस,संक्रामक रोगों से,दम तोड़ते
दीन, नज़रों से ओझल हैं
भूख में, पीड़ा में
भूख में, पीड़ा में
ग्लैमर कहाँ से आये....
बत्तीस रुपये के अमीर के ,
घावों में,
बिवाई फटे पांवों में ,
स्तब्ध है मिडिया !
संजय सम्मान से
मरहूम क्यों है ...
रोशनी में सूरज दिख गया है
चांदनी में चाँद ,
स्तबद्ध है आवाम !
क्यों न दिखते
हम उसे ..
वो हमसे ,
दूर क्यों है .....
उदय वीर सिंह
8 टिप्पणियां:
शक्ति का सूर्य न जाने क्या दिखाना चाहता है...
बहुत ख़ूब!
आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 27-08-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-984 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
रचना आज की राजनैतिक परिदृश्यों का आयना भी है और समाज का यथार्थ भी. बधाई.
आज 28/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है,
स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें
वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम
का प्रयोग भी किया है,
जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..
हमारी फिल्म का संगीत
वेद नायेर ने दिया है.
.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में
चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
..
Here is my page हिंदी
भूख में, पीड़ा में
ग्लैमर कहाँ से आये....
बत्तीस रुपये के अमीर के ,
घावों में,
बिवाई फटे पांवों में ,
स्तब्ध है मिडिया !
संजय सम्मान से
मरहूम क्यों है ...
तीक्ष्ण प्रहार करती अच्छी रचना
एक ही कविता में इंसान के हर हालत के बारे में पढ़ने को मिला ...देश की इतनी गंभीर स्थिति पर ...सटीक लेखन
अनुपम सरोकार है आपकी
इस प्रस्तुति का,हृदय में उदित
हुई पीड़ा से
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