उन्हें सबकी खबर है सिर्फ
अपनी खबर को छोड़कर
उनको मालूम है सबकी सिर्फ
अपनी उमर को छोड़कर -
कभी बता भी देते हैं उदय
आवाम की उमर को जोड़कर
उन्हे मालूम है लाश उनकी
कंधों पर उनके नहीं जाएगी
फातिहा पढ़ सकेगे सबकी
सिर्फ अपनी कब्र को छोड़कर -
उन्हें यकीन है नजरें देखती नहीं
सिर्फ उनकी नजर को छोड़कर -
नीचे धूपो गर्मी बेहिसाब होती है
सिर्फ उनके शजर को छोड़कर -
उदय वीर सिंह
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