गर्दिशी कहिए ....
बिना बयां किए बयां हो जाए
उसे गर्दिशी.... कहिए -
चढ़ कर सिर बोले जनाब
उसे खुशी कहिए -
बिक जाए अनमोल भरे बाजार
उसे बेबसी कहिए -
लुटा दे जींद परवाने की तरह
उसे ख़ुदकुशी कहिए -
किसी हुस्न को इश्क का चिराग दे दे
उसे आशिक़ी कहिए -
दिलों की रहबरी का खर्चा उठाए
उसे मैकशी कहिए -
उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
बहुत खूब!
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