शनिवार, 2 अक्तूबर 2021

शांति के पर्याय बापू...


 







..शांति के पर्याय बापू✍️

दुनियां पढ़ती है दर्शन को सत्कार करती है।

दुनियां गोड्से नहीं गांधी को प्यार करती है।

असमानता व खाईं का निषेध स्वीकृत हो,

दुनियां उन्माद नहीं शांति पर ऐतबार करती है।

गुलामी कहीं भी किसी की स्वीकार्य नहीं,

अब दफ़्न हो जाए ये रीत शर्मसार करती है।

उदय वीर सिंह।

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