🙏नमस्कार मित्रों!
कागज़ों में जान हुआ करे।
कि सच सरेआम हुआ करे।
पत्थर बनें तो मील का बनें,
कि रास्ता आसान हुआ करे।
बेसहारा न हो कोई जहां में,
सहारा सबके नाम हुआ करे।
कर्म मूल्यों का मानदंड बने,
पथ का प्रतिमान हुआ करे।
भूमि बन जाये वलिदान वरें,
सबका तीरथ धाम हुआ करे।
सुख सदा नहीं रह सकता तो
दुख भी मेहमान हुआ करे।
चाहता है दिल सबकी ख़ैर
सबका मान सम्मान हुआ करे।
उदय वीर सिंह।
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