रविवार, 12 दिसंबर 2021

....सरदार भाई जी ,✍️








 ........सरदार भाई जी.✍️

ढूंढ लेते नफरत में भी,प्यार भाई जी।

बखरा है सरदारों का ,संसार भाई जी।

मीरी और पीरी का , संस्कार आला है,

मन नीवां मति ऊंची का व्यापार भाई जी।

दिल सागर साहस पर्वत सा मान ऊंचा है,

हर मानुष का गुरु-घर में सत्कार भाई जी।

हकपसन्द वलिदानी हैं गुरुवाणी की ओट,

वचन निभाते देकर शीश सरदार भाई जी।

पहुंचा लेकर तन मन धन दर्द सदा कीआई,

गर्दिश में होकर न होआ गद्दार भाई जी।

उदय वीर सिंह।

1 टिप्पणी:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…
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