दरार आ गयी .....
विपदाओं की पूरी बाढ़ आ गयी -
मौन-व्रत था अपना घर जलने तक ,
जब ख़ाक हो गया तो दहाड़ आ गयी -
अतिउत्साह में सागर को सरोवर कहना ,
कागजी किश्ती टूट दो फाड़ आ गयी-
काठ की हांडी में लंगर कैसे पकता जी ,
आग और हांडीके बिच दरार आ गयी -
बाँध कर बारूद पल्लू में सौगात कहना,
एक चिंगारी लगी कि साड़ आ गयी -
उदय वीर सिंह
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