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पूछना जरूर जी ...
कभी दिल से बात करके
देखना जरूर जी।
अपने दिल का हाल कभी,
पूछना जरूर जी।
दुनियां के मसले हैं,मशविरे हजार हैं,
अपनी ख्वाहिशों से कभी,
मिलना जरूर जी।
लिखते रहे हो दर्द सारे जमाने का,
फुर्सत मिले तो अपना,
लिखना जरूर जी।
गिले और शिकवे सुख दुःख के लिफ़ाफ़ों में,
आयी चिट्ठियों को अपनी
पढ़ना जरूर जी।
उदय वीर सिंह।
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