संक्रमित हो चुके अंगों का
मोल नहीं होता है ,
खंडित करना पड़ता है ,
मोह नहीं होता है -
वंदन की परिभाषा सिमित होती जाती है ,
जीवन के निहितार्थ शमन ,
द्रोह नहीं होता है -
जब कलम काम न करती है
शमशीर उठानी पड़ती है ,
कायर-जन आग लगा देते
वीरों को मोल चुकानी पड़ती है -
उदय वीर सिंह
मोल नहीं होता है ,
खंडित करना पड़ता है ,
मोह नहीं होता है -
वंदन की परिभाषा सिमित होती जाती है ,
जीवन के निहितार्थ शमन ,
द्रोह नहीं होता है -
जब कलम काम न करती है
शमशीर उठानी पड़ती है ,
कायर-जन आग लगा देते
वीरों को मोल चुकानी पड़ती है -
उदय वीर सिंह
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