हम सारागढ़ी के वीर वतन का मान रखते हैं,
हमने गुरुओं से पाई रीत हथेली जान रखते हैं-
शहीदी शान है अपनी वतन अभिमान है अपना
सदा जीये वतन मेरा यही अरमान रखते हैं-
हम न रहे तो क्या गुरुओं की दात का सदका
लहू के कतरे क़तरे में हम हिन्दुस्तान रखते हैं -
उदय वीर सिंह
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