सोमवार, 29 जून 2015

निर्वाण [ कहानी संग्रह ] का लोकार्पण

क्रायोडेन हिल्टन ,स्वामी विवेकानंद सभागार [लंदन ] में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में मेरी नवल कृति ' निर्वाण ' कहानी संग्रह का लोकार्पण माननीय सरदार सुखदेव सिंह सिद्धू जी मंत्री [समन्वयन ] ब्रिटिश सरकार के द्वारा किया गया । पुस्तक में 17 कहानियों का संकलन है ,पुस्तक का प्रकाशन ख्यातिलव्ध ' विश्व हिन्दी साहित्य परिषद ' द्वारा बहुमुखी प्रतिभा के पुरोधा हिन्दी के अनन्य सेवी श्री आशीष कंधवे जी के निर्देशन में हुआ है । मेरी अनुभूतियों व संवेदना ने मूल्यों व वर्जनाओं का आधार व विषयगत संज्ञान ले हृदय के स्पंदन को आप तक पहुँचाने की कोशिश की है कितना सफल रहा हूँ यह विषय आप का है । आप का स्नेह,आप की आशीष मेरे पुरस्कार होंगे । मुझे विश्वास है आप मुझे इससे वंचित नहीं करेंगे ।
उदय वीर सिंह


शनिवार, 27 जून 2015

निर्वाण

विश्व हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा आयोजित ,अंतराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन ,क्रायोडेन हिल्टन [स्वामी विवेकानंद सभागार ]लंदन में मेरी नवीन कृति ' निर्वाण ' कहानी संग्रह का समन्वयन राज्य मंत्री  सरदार सुखदेव सिंह  सिद्धू  [इंगलैंड ]द्वारा लोकार्पण किया गया ।
 इस कहानी संग्रह में कुल 17 कहानियों का संकलन है ।जो मानवीय संवेदना व मूल्यों के साथ अपनी सीमा व वर्जनाओं के आधिपत्य में उच्चरित हैं ।  हिन्दी  की अहर्निश सेवा में मेरा क्या योगदान है मुझे नहीं मालूम पर, मुझे सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ और अपनी अनुभूतियों को आप तक संवेदित कर पा रहा हूँ ,आप पाठकों ,गुरु शिक्षकों मित्रों ,परिजनों सर्वोपरी गुरुग्रंथ साहिब जी का कृतज्ञता के साथ हृदय तल की गहराईयों से विनम्र आभार  व्यक्त करता हूँ ।

उदय वीर सिंह 

शुक्रवार, 26 जून 2015

आभार आप सबका .....

अनुपम पल -
लंदन  [क्रोयोडिल हिल्टन  स्वामी विवेकानन्द सभागार ]में आयोजित
अंतर्राष्ट्रीय विश्व हिन्दी सम्मेलन 15-06-2015 में मेरे साहित्यानुराग व-साहित्य सहयोग के लिए मुझे  विश्व हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा ' 'साहित्य सरिता सम्मान  ' से अलंकृत किया गया । विश्व विख्यात  साहित्यकार एवं संपादक  हिन्दी पत्रिका ,कथा -यूके  [ लंदन ]श्री तेजेन्द्र शर्मा व विख्यात साहित्यकार हिन्दी व उर्दू , विदुषी सुश्री जाकिया जुबेरी जी ,अमर सिंह राठौर श्री मालु [ बीणा-समूह ]डॉ अरविंद मिश्रा जी व डॉ जे यस वी नायडू जी से  पुरस्कार व  प्रशश्ति पत्र प्राप्त करते हुये ।
      आप सभी मित्रों ! शुभचिंतकों ,पाठकों ,परिजनों सर्वोपरि गुरुग्रंथ साहिब जी का हृदय से आभार ।

उदय वीर सिंह

गुरुवार, 11 जून 2015

साहित्यिक यूरोपीय यात्रा ........

बड़े हर्ष व सुखानुभूतियों के बीच आप से साझा मेरा सरोकार -
      मेरी साहित्यिक यूरोपीय यात्रा [ ब्रिटेन ,स्वीटजरलैंड ,फ्रांस ,जर्मनी ] दिनांक 14/06/2015 से आरंभ होकर 25 जून 2015 को वतन वापसी पर विराम पाएगी । महान साहित्यकार शेक्सपियर जी की ग्राम्य - स्थली को नमन करने का सौभाग्य विभिन्न मूर्धन्य प्रवासी ,अप्रवासी साहित्यकारों का सानिध्य अप्रतिम विचारों का श्रवण ,पाठन लाभ रोमांचित करता है । मेरी साहित्यिक यात्रा आप के आशीष स्नेह व दिये आत्मबल से ही पूरी होनी संभव है । आकांक्षी हैं आप मित्रों के अशेष स्नेह माधुर्य के ।
मेरी नवल कृति ' निर्वाण ' कहानी संग्रह का विमोचन ,क्राईडल हिल्टन इंग्लैंड [स्वामी विवेकानंद सभागार ] में होना सुनिश्चित है । हिन्दी भाषा लिपि व वैश्विक हिन्दी की अनिवार्यता' विषय मुख्य हृदय -विंदु होंगे । यह साहित्यिक यात्रा अपने विभिन्न चरणों को प्राप्त करती हुई कई मायनों मे महत्व पूर्ण है। कथा यूके [लंदन की ख्याति लव्ध हिन्दी पत्रिका ] का विमर्श स्थानीय साहित्यकारों व स्कालरों का मिलन भी सुखद होगा ।
इस उपक्रम के हृदय स्थली मे डॉ आशीष, विश्व हिन्दी साहित्य [अध्यक्ष ] वाणी समूह व अन्य हिन्दी सेवी संस्थानों का अप्रतिम योगदान हिन्दी की यश गाथा को उच्चतम शिखर देगा विस्वास के साथ बधाई देते हैं ।
आभारी हैं गुरु ग्रंथ साहिब जी , गुरु शिक्षकों ,परिजनों ,मित्रों ,सुधि पाठकों एवं समस्त देश वासियों के ।
उदय वीर सिंह
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बुधवार, 10 जून 2015

कलमकार कैसे कलम छोड़ देगा

Udaya Veer Singh's photo.अमीरों के घर में अमीरी तो होगी
फकीरों के घर दिल जरूरी है होगा -

जहीनों के घर में शराफत तो होगी
गरीबों के घर दिल, जरूरी है होगा -

हिजाबों से जिसने दुनियाँ को देखा 
ख्वाब उड़ने को दिल में जरूरी है होगा -

कलमकार कैसे कलम छोड़ देगा
नजर वेदना की जरूरी है होगा -

जिन आँखों से चश्मे बहते रहे हैं
दिल समंदर सा होना जरूरी है होगा

उदय वीर सिंह

रविवार, 7 जून 2015

अच्छा नहीं लगा -

हिन्दी का सम्मेलन ,अंगरेजियत का पैगाम 
अच्छा नहीं लगा -
आए थे श्रद्धांजलि सभा में जन्मदिन का बयान
अच्छा नहीं लगा -
मांग रहा था इंसाफ अपने हुए जुल्म का इंसान 
अच्छा नहीं लगा -
भींग गए सांत्वना में आए श्रीमान टूटा मकान
अच्छा नहीं लगा -
मांगने को विवश था इच्छा- मृत्यु  का वरदान 
अच्छा नहीं लगा -
जुल्म के तूफान से बर्बाद ,उठे दिल का तूफान 
अच्छा नहीं लगा -
मांगता रहा है रोटी कपड़ा मकान मजदूर किसान 
अच्छा नहीं लगा -
ताउम्र पाली हसरतें सींच ख्वाबों को खड़ा बागवान 
अच्छा नहीं लगा -

उदय वीर सिंह 




बुधवार, 3 जून 2015

परजीवी ....


जड़  हूँ
चेतनाविहीन नहीं
समझता हूँ वेदना व 
संवेदना को.....
अवसरवादी नहीं हूँ....
मेरा जीवन लेन-देन पर नहीं
निर्वैर निश्चल
प्रेम पर सृजित,
आश्रय देता है खग को, मृग को
पथिक को भी ....
चिड़िमार बसंत में आता है
साधता है अपना लक्ष्य
भरकर ले जाता है लोथ,
पतझड़ में
दिखाई नहीं देता...
मेरा प्रत्येक अवयव 
अहर्निश सेवा में है 
इस लिए की 
मैं जड़ हूँ .....
तुम हो बुद्धिमान 
परजीवी ....
स्वार्थ जब तक 
साथ 
तब तक ......

उदय वीर सिंह 






सोमवार, 1 जून 2015

ਗਲ ਅਜੇਹੀ ਹੁਈ -

 ਜੱਦੋ ਜਾਗਿਆ ਹਨੇਰਾ -ਹਨੇਰਾ ਰਿਹਾ 
ਤੈਨੂੰ ਤਕਿਆ ਵਿਹਾਣਾ ਵਿਚ ਸਵੇਰ ਹੋ ਗਈ -
ਗੀਤ ਗਾਉਂਦੀ ਬਜਉਂਦੀ ਰਵੇ ਆਸ਼ਿਕੀ 
ਜੀਣ ਵਸਤੇ ਜਿੰਦੜੀ ਹੁਣ ਖਲੋਰ  ਹੋ ਗਈ 
ਗਲ ਅਜੇਹੀ ਹੁਈ ਬੇਖ਼ਬਰ ਮੈਂ ਰਿਹਾ 
ਸਾਡੀ ਜਿੰਦ ਕਿਸੀ ਹੋਰ ਹਥ ਡੋਰ ਹੋ ਗਈ -
ਕੋਈ ਮੰਗਿਆ ਦੌਲਤ ਅਤੇ ਜਨ੍ਨਤ ਦੀ ਖੁਸ਼ੀ 
ਸਾਡੇ ਉੱਤੇ ਸੋਣੇ ਰਬ ਦੀ ਮੇਹਰ ਹੋ ਗਈ -

उदय वीर सिंह